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किसानों  के लिए इस राज्य सरकार की बड़ी घोषणाएं, फसलों के नुकसान पर मिलेगा इतना मुआवजा

किसानों के लिए इस राज्य सरकार की बड़ी घोषणाएं, फसलों के नुकसान पर मिलेगा इतना मुआवजा

पिछले 2 सप्ताह में मध्य प्रदेश में बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने जमकर कहर ढाया है। इस दौरान राज्य में गेहूं, चना, सरसों और मसूर की खेती बुरी तरह से प्रभावित हुई है। ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल खेतों में पूरी तरह से बिछ गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। पिछले सप्ताह ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए सर्वे के आदेश दिए थे। यह सर्वे पूरा हो चुका है और इसकी विस्तृत रिपोर्ट मध्य प्रदेश शासन को भेजी जा चुकी है। रिपोर्ट के आधार पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि सरकार 50 फीसदी तक बर्बाद हुई फसल पर 32 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा प्रदान करेगी। इसके अलावा किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ भी दिलवाया जाएगा। साथ ही फसलों को हुए नुकसान का सैटेलाइट से सर्वे भी करवाया जाएगा। जिसमें सरकार के तीन विभाग संयुक्त रूप से फसल के सर्वे का काम करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा है कि ओलावृष्टि से जिन किसानों की फसलों का व्यापक नुकसान हुआ है, उनसे फिलहाल कर्ज की वसूली नहीं की जाएगी। साथ ही अब कर्ज का ब्याज सरकार भरेगी। इस दौरान यदि किसी व्यक्ति की ओलावृष्टि या बिजली गिरने से मौत हो गई है तो उसके परिजनों को सरकार 4 लाख रुपये की सरकारी सहायता उपलब्ध करवाएगी।

गाय-भैंस की मृत्यु पर भी मिलेगी सहायता राशि

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि फसल के नुकसान के अलावा यदि आपदा के दौरान किसी की गाय या भैंस की मृत्यु हो गई है तो ऐसे लोगों को 37 हजार रुपये प्रति जानवर की दर से सहायता राशि उपलब्ध कारवाई जाएगी। इसके साथ ही भेड़-बकरी की मृत्यु पर 4 हजार रुपये तथा बछड़ा और बछिया की मृत्यु पर 20 हजार रुपये दिए जाएंगे। मुर्गा और मुर्गियों का नुकसान होने पर 100-100 रुपये दिए जाएंगे। यदि आपदा से किसी के घर को नुकसान हुआ है तो उसके घर की मरम्मत के लिए भी सहायता उपलब्ध कारवाई जाएगी। ये भी पढ़े: यहां मिल रहीं मुफ्त में दो गाय या भैंस, सरकार उठाएगी 90 फीसद खर्च

रबी फसल के लिए दोबारा रजिस्ट्रेशन करवा पाएंगे किसान

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ऐसे किसान जिनकी फसल बर्बाद हो गई है और उनके घर में उनकी बेटी की शादी है। ऐसे किसानों को सरकार मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत 56 हजार रुपये की सहायता राशि उपलब्ध करवाएगी। साथ ही कन्या के विवाह में भी सहयोग करेगी। इसके साथ ही जो किसान रबी की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाए हैं, ऐसे किसान फिर से अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। उनके लिए दोबारा पोर्टल खुलवाया जाएगा। ताकि कोई भी किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य के लाभ से छूटने न पाए।
अदरक और टमाटर सहित इस फल की भी कीमत हुई दोगुनी

अदरक और टमाटर सहित इस फल की भी कीमत हुई दोगुनी

बारिश से फसल को हानि पहुंचने के कारण आजादपुर मंडी (दिल्ली में) में टमाटर की आपूर्ति काफी कम हो गई है। नई फसल आने तक भाव कुछ वक्त तक ज्यों की त्यों रहेंगी। टमाटर ने एक बार पुनः अपना रुद्र रूप दिखाना चालू कर दिया है। विगत एक पखवाड़े में टमाटर एवं अदरक के भावों में रॉकेट की रफ्तार जितनी बढ़ोत्तरी हुई है। कुछ समय पूर्व हुई बारिश से उत्तर भारत में टमाटर की फसल प्रभावित हुई है। वहीं दूसरी तरफ, अदरक के किसान अपनी फसल को अभी रोक रहे हैं। विगत वर्ष हुई क्षति की भरपाई के लिए कीमतों में बढ़ोत्तरी कर रहे हैं।

तरबूज की कीमत किस वजह से बढ़ी है

इसी मध्य, तरबूज के बीज की कीमत तीन गुना तक बढ़ चुकी है। दरअसल, इसको सूडान से आयात किया जाता है। परंतु, वहां पर सैन्य संघर्ष चल रहा है। जिसके चलते आपूर्ति काफी कम है। दिल्ली के एक व्यापारी संजय शर्मा का कहना है, कि एक किलो तरबूज के बीज का भाव फिलहाल 900 रुपये है। जो कि सूडान संघर्ष से पूर्व मात्र 300 रुपये थी।

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टमाटर का भाव दोगुना हो चुका है

खुदरा बाजार में टमाटर का भाव 15 दिन पूर्व 40 रुपये प्रति किलोग्राम थी। जिसमें फिलहाल तकरीबन 80 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं। आजादपुर बाजार में टमाटर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कौशिक के मुताबिक बारिश से फसल को क्षति पहुंचने की वजह से आजादपुर मंडी (दिल्ली में) में टमाटर की आपूर्ति काफी कम हो चुकी है। नवीन फसल आने तक भाव कुछ वक्त तक इतना ही रहने वाला है। कौशिक का कहना है, कि दक्षिणी भारत से टमाटर की भारी मांग है, जिससे भी भाव बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा है, कि टमाटर फिलहाल हरियाणा एवं यूपी के कुछ इलाकों से आ रहे हैं। कीमतों का कम से कम दो माह तक ज्यों के त्यों रहने की आशंका है।

अदरक की कीमतों में हुई वृद्धि

अदरक की कीमत जो कि 30 रुपये प्रति 100 ग्राम थी। वह अब बढ़कर 40 रुपये तक हो गई है। ऑल इंडिया वेजिटेबल ग्रोअर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रीराम गढ़वे का कहना है, कि पिछली साल किसानों को कम भाव के चलते नुकसान वहन करना पड़ा था। इस बार वह बाजार में सावधानी से फसल उतार रहे हैं। अब जब कीमतों में वृद्धि हुई है, तो वह अपनी फसल को बेचना चालू कर देंगे। भारत का वार्षिक अदरक उत्पादन करीब 2.12 मिलियन मीट्रिक टन है।